एक वादा था

यह वादा था साथ निभाने का,
दोस्ती का,
रिश्ते निभाने का,
साथ हँसने रोने का,
गिरने और सँभालने का।

यह कोई साथ जीना मरने की कसम न थी,
क्योंकि कसमे टूट जाती है,
वह किसी और से की जाती है,
पर वादा अपने ज़मीर से होता है,
वह बलिदान माँगता है, ताक़त चाहता है,
किसी के यह कमज़ोरी बनता है,
तो किसी के लिए रास्ता दिखाने का चिराग,

पूछा ज़माने ने मुझसे मेरे पागलपन का बचाव,
एक पल मैंने सोचा इस बारे में,
तेरी आँखों  में ख़ुशी देखने की चाहत थी,
या मेरी खुदगर्ज़ी,
पता नही ??
पर मैं बस एक जावब दे पाया,
"क्योंकि एक वादा था। " 

Comments

  1. Very deep reflection of thoughts. A person should undergo a complex situation in life to get to the core of this thought. It's beautifully quoted.

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